Chartered Accountant Suresh Reddy Nirmal की आत्महत्या ने Corporate World को हिला दिया – जानिए क्यों!
Suresh Reddy Nirmal ने यह भी लिखा कि वह इस प्रोफेशन में खुद को कभी फिट नहीं महसूस कर पाए और लगातार तनाव (Stress) में जी रहे थे। उनका यह नोट उस सच्चाई की ओर इशारा करता है जिसे आज का Corporate World नज़रअंदाज़ करता है — Mental Health की अहमियत।
Chartered Accountants को अक्सर Prestigious और Secure Profession माना जाता है, लेकिन इस सफलता के पीछे जो मानसिक बोझ छिपा होता है, वह बाहर से नहीं दिखता। दिन-रात की डेडलाइन, क्लाइंट प्रेशर और Job Insecurity जैसे कारक युवा Professionals को चुपचाप अंदर से तोड़ देते हैं।
इस घटना के बाद ICAI (Institute of Chartered Accountants of India) की कार्यप्रणाली और Support Systems पर भी सवाल उठने लगे हैं। ICAI ने पहले भी Mental Health Helpline और Counselling Desk की शुरुआत की थी, लेकिन कई लोगों का मानना है कि यह प्रयास सतही हैं और जमीनी स्तर पर बदलाव की ज़रूरत है।
सिर्फ ICAI ही नहीं, कंपनियों को भी अपनी कार्य-संस्कृति पर ध्यान देना होगा। जब काम किसी की जान लेने लगे, तो यह सिर्फ एक ‘individual failure’ नहीं, बल्कि एक ‘systemic failure’ बन जाता है।
Suresh Reddy Nirmal की आत्महत्या पहली नहीं है, और अगर Corporate Sector और Institutions ने अपनी आँखें नहीं खोलीं, तो शायद आखिरी भी नहीं होगी। अब समय आ गया है कि हम कामयाबी के साथ-साथ मानसिक शांति (Peace of Mind) को भी ज़रूरी मानें।
Suresh Reddy Nirmal अब इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनकी कहानी हमें यह याद दिलाने के लिए काफी है कि Mental Health कोई विकल्प नहीं, बल्कि प्राथमिकता होनी चाहिए।